सीधा साधा भोला भाला मै ही सबसे अच्छा हूँ
कितना भी हो जाऊ बड़ा माँ मै आज भी तेरा बच्चा हूँ
माँ से रिश्ता कुछ ऐसा बनाया
जिसको निगाहों में बिठाया जाए
रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा की
वो अगर उदास हो तो हमसे भी मुस्कुराया न जाये
आज रोटी के पीछे भागता हूँ तो याद आती है
माँ-रोटी खिलने के लिए माँ मेरे पीछे भागती थी
आप को पता है प्रेम अँधा क्यों होता है
क्यकी आप के माता पिता आपका चेहरा
देखे बिना आपसे प्रेम करना सुरु कर दिए थे
तेरी हर बात चलकर यूँ भी मेरे जी से आती है
कि जैसे याद की खुशबू किसी हिचकी से आती है
मुझे आती है तेरे बदन से ऐ माँ वही खुशबू
जो एक पूजा के दीपक में पिगलते घी से आती है
ये जो सख्त रस्तो पे भी आसान सफ़र लगता हे
ये मुझ को माँ की दुआओ का असर लगता हे
एक मुद्दत हुई मेरी मां नही सोई तबिश …
मेने एक बार कहा था के मुझे डर लगता हे